क्या आप जानते हैं - रेलवे स्टेशन पर क्यों लिखा रहता है समुद्र तल से ऊंचाई - Hindime

क्या आप जानते हैं - रेलवे स्टेशन पर क्यों लिखा रहता है समुद्र तल से ऊंचाई

Share:
Mean Sea Level



HINDI ME ब्लॉग पर आप का स्वागत है.आ मै आप को रेलवे से जुडी एक बेहद रोचक जानकारी के बारे में बताऊंगा.हममे से अधिकतर लोगों ने ट्रेन में सफर किया होगा.दोस्तों कुछ लोगों को ट्रेन का सफ़र बहुत अच्छा लगता है जब की बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें ट्रेन का सफ़र बिलकुल पसंद नहीं होता है,लेकिन मज़बूरी वश सफ़र करना पड़ता है.


ट्रेन के सफ़र में अगर खिड़की वाली सिट मिल जाये तो बाहरी नज़ारा देखते देखते सफ़र आसानी से कट जाता है.दोस्तों क्या कभी आप ने खिड़की के बाहर नज़र आ रहे मनमोहक नज़ारे के अलावा रेलवे द्वारा लगाये गए खम्बो और अलग अलग तरह के बोर्ड को नोटिस किया है.
दोस्तों जब आप किसी रेलवे स्टेशन पर जाते हैं तो प्लेटफोर्म के अंत में रेलवे स्टेशन के नाम का एक बहुत बड़ा बोर्ड लगा रहता है और बोर्ड पर लिखे स्टेशन के नाम के निचे समुद्र तल से ऊंचाई (Mean Sea Level, MSL) जैसे की 200 मीटर, 310 मीटर आदि लिखा होता है.क्या आपने कभी सोचा है कि रेलवे स्टेशन पर समुन्द्र तल की ऊंचाई क्यों लिखी जाती है,या किसके लिए लिखी जाती है?


समुद्र तल से ऊंचाई (Mean Sea Level)

सबसे पहले तो हम इस बात को समझने की कोशिश करेंगें की समुद्र तल से ऊंचाई (Mean Sea Level) का मतलब क्या होता है? जैसा कि हम सब जानते है पृथ्वी गोल है,अत: पृथ्वी का कौन सा हिस्सा ऊँचा है और अगर ऊँचा है तो कितना ऊँचा है? पृथ्वी के ऊँचे और निचे हिस्से को नापने के लिए एक ऐसे पॉइंट की ज़रूरत थी जो हमेशा एक जैसा हो और पूरी दुनिया में एक सामान की उचाई पर हो.वैज्ञानिकों को लगा की समुद्र से बेहतर ऐसा कुछ भी नहीं हो सकता था, और इनके सापेक्ष में ऊंचाई की गड़ना करना आसान होगा.




रेलवे स्टेशन पर क्यों लिखा रहता है समुद्र तल से ऊंचाई

'समुद्र तल से ऊंचाई' (Mean Sea Level, MSL) रेलवे स्टेशन बोर्ड पर हमारे या आपके या यात्रियों के लिए नहीं बल्कि ट्रेन के गार्ड ड्राईवर के लिए लिखी होती है.उदाहरण के लिए अगर ट्रेन 600 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई (MSL) से 650 मीटर समुद्र तल (MSL) की ऊंचाई पर जा रही है तो ड्राइवर को इससे ये अंदाजा मिलता है कि इस 50 मीटर की अधिक चढ़ाई को चढ़ने के लिए उसे इंजन की छमता को कितना बढ़ाना होगा.
जब हम कार चलाते है तो चढ़ाई भरे रास्ते को देख कर हम कार के गियर और स्पीड में ज़रूरत के अनुसार बदलाव कर लेते हैं. चूँकि सड़क पर चढ़ाई और फिर ढलान का पता तुरंत चल जाता है इसलिए वहां किसी शाइन बोर्ड की ज़रूरत नहीं पड़ती है.लेकिन rail track पर चढ़ाई और ढलान को बहुत धीमे तरीके से बनाया जाता है जिसका अंदाज़ा आप देख के नहीं लगा सकते हैं.
ट्रेन ड्राईवर को rail track पर आने वाले चढ़ाई और ढलान की जानकारी हो जाये इसके लिए रेलवे स्टेशन पर समुद्र तल से ऊंचाई को दर्शाया जाता है.इस आंकड़े को देख के ड्राईवर इस बात का अंदाज़ा लगा लेता है की आगे चढ़ाई है या ढलान है और फिर ड्राइवर उस हिसाब से गाड़ी के स्पीड को घटाता या बढाता है.
क्या आप जानते हैं की दुनिया का sabse sasta bazaar india में है
तो दोस्तों आप को रेलवे की जानकारी कैसी लगी कृपया कमेन्ट कर के ज़रूर बताएं.नई नई तकनिकी जानकारी या रोचक जानकारी पढने के लिए hindi me ब्लॉग को बुकमार्क और सब्सक्राइब करना मत भूलियेगा.अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. आप इसे Facebook या Twitter जैसे सोशल नेट्वर्किंग साइट्स पर शेयर करके इसे और लोगों तक पहुचाने में हमारी मदद करें. धन्यवाद




mean sea level of india,railway jankari in hindi,railway jankari download,indian railway details in hindi,tren jankari,railway samay sarani,bhartiya rail time table,local train time table,chhattisgarh railway time table,bilaspur train time table,railway bharti 2017,railway bharti 2018,railway group d vacancy 2018,railway group d notification,

4 टिप्‍पणियां:

  1. ये तो कभी हमने सोचा ही नहीं था.बहुत अच्छी जानकारी है.रेलवे से जुड़ा अगर और कोई रोचक जानकारी आप के पास हो तो ज़रूर शेयर करें.

    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. bhai ye to kaamal ki baat hai....abhi tak to kabhi dhyaan nahi diya tha lekin ab kabhi rail me jaunga to zarur dekhunga.

    जवाब देंहटाएं
  3. mazedaar hai..lekin ye hamare kisi kaam ka nahi hai.

    jankari ke hisaab se thik hai...

    thanks bro

    जवाब देंहटाएं

नई नई तकनिकी जानकारी,कंप्यूटर की जानकारी और मोबाइल की जानकारी के लिए HINDIME BLOG को बुकमार्क, सब्सक्राइब और निचे कमेन्ट करना मत भूलियेगा.

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();