जितना ज्यादा मेगापिक्सेल उतना अच्छा कैमरा
आज भी लोगो को ये बहुत बड़ी गलतफहमी है कि फ़ोन का कैमरा जितना ज्यादा मेगापिक्सेल का होगा उतना अच्छा होगा और उस कैमरे से लिए गए पिक्चर की क्वालिटी भी उतनी ही अच्छी होगी जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है।बहुत कम मोबाइल यूजर ये जानते हैं कि पिक्सल असल मे होता क्या है?तो आज के इस पोस्ट में मैं आप को बहुत आसान शब्दों में ये बताऊंगा की कैमरे में पिक्सल क्या होता है।पिक्सेल क्या होता है।
तो चलिए समझते हैं कि पिक्सेल क्या होता है?कोई भी पिक्चर बहुत छोटे छोटे डॉट से मिलकर बनती है और ये डॉट इतने छोटे होते हैं कि आपको अपनी आँखों से दिखाई नहीं देते है और इन्ही छोटे छोटे डॉट को पिक्सेल कहा जाता है। लेकिन कैमरा अच्छा है या बुरा यह आप उसके मेगापिक्सेल को देखकर नहीं बता सकते है।
किसी भी कैमरा कि क्वालिटी सिर्फ उसके पिक्सल पर निर्भर नही करता है बल्कि उसके लेंस, लाइट सेंसर, इमेज प्रोसेसिंग हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर डिपेंड करता है।इसलिए अच्छे कैमरा को खरीदते वक्त सिर्फ पिक्सल को न देखें। तो अगली बार जब आप फ़ोन खरीदने जाये तो मेगापिक्सेल को देख कर फ़ोन कि तरफ आकर्षित न हों।
ज्यादा कोर वाला प्रोसेसर ज्यादा अच्छा होता है
अक्सर मोबाइल यूजर यह सोचते है कि मोबाइल के प्रोसेसर में जितने ज्यादा कोर होते है प्रोसेसर उतना अच्छा होता है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।लेकिन यह बात सच है कि मल्टी कोर प्रोसेसर में आप मल्टीटास्किंग कर सकते है क्योकि यह प्रोसेसर काम को बाँट लेते हैं इसलिए ज़्यादा कोर का होना अच्छा है लेकिन ज़्यादा कोर के कारण प्रोसेसर भी अच्छा होगा ये गलत है।अच्छा प्रोसेसर के लिए जरुरी यह है कि वह प्रोसेसर कितने नैनोमीटर टेक्नोलॉजी से बना है और उसका प्रत्येक कोर किस क्लॉक स्पीड पर है यानी प्रोसेसर की क्लॉक स्पीड कितनी है ये अधिक महत्वपूर्ण है तो अगली बार जब आप नया मोबाइल खरीदे तो कोर की संख्या के बजाए प्रोसेसर की क्लॉक स्पीड को देखें।
ज्यादा खंभे मतलब ज्यादा सिग्नल
लगभग सारे मोबाइल यूजर यह सोचते है कि फ़ोन में जितने ज्यादा नेटवर्क के डंडे नज़र आएंगे मोबाइल में नेटवर्क और इंटरनेट उतना अच्छा होगा जबकि ये बात पूरी तरह से गलत है क्योंकि नेटवर्क के डंडे आप के मोबाइल में मजबूत या कमज़ोर सिग्नल को नही दिखाते हैं बल्कि कम या अधिक डंडों का मतलब होता है कि आप का मोबाइल नज़दीकी टॉवर से कितना दूर है.कई बार आप ने देखा होगा कि आप के मोबाइल में फूल नेटवर्क रहता है लेकिन उसके बाउजूद कॉल नही लगता है,इंटरनेट नही चलता है या मोबाइल नॉट रिचबल बताता है।
ऐप्पल के सिस्टम में वायरस नहीं आता
मोबाइल और मोबाइल यूजर की दुनिया का ये सबसे बड़ा अफवाह और गलत जानकारी है कि एप्पल के सिस्टम में वायरस नहीं सकता है।मैं यहां आप को बता दूं कि पूरी दुनिया में ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जिसमें वायरस न घुस सके। हालांकि, एप्पल के मैक कंप्यूटर और मोबाइल का बाकी विंडोज़ पीसी और एंड्राइड मोबाइल के मुकाबले ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि दुनिया मे मैक का उपयोग कम किया जाता है जब कि विंडो का उपयोग अधिक किया जाता है।इसके अलावा मैक ऑपरेटिंग सिस्टम का पाइरेटेड वर्सन नही मिलता है जब कि विंडो का पाइरेटेड वर्सन बहुत आसानी से उपलब्ध है और अधिकतर यूजर अपने कंप्यूटर में पाइरेटेड विंडो का ही उपयोग करते हैं इसलिए विंडो आधारित कंप्यूटर में वायरस आने की संभावना अधिक होती है।
तो क्या आप भी इनमें से किसी मिथ या अफवाह पर विश्वास करते है अगर हाँ, तो निचे कमेंट करके बताइये की आप किस मिथ पर विश्वास करते है और अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे लाइक और शेयर कजिये।
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