सरकारी नौकरी करने के लिए रेलवे को लोग अभी भी सबे अधिक पसंद करते हैं.रेलवे में बहुत तरह की naukri होती है जिनमे से एक है मैकेनिकल इंजीनियर की नौकरी.भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियरो की भर्ती कई तरीके से होता है.आज मै आप को भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियरो की भर्ती कैसे होती है के बारे में बताऊंगा.मै जो तरीका आज आप को बताऊंगा ये सिर्फ मैकेनिकल इंजीनियर के लिए नहीं है बल्कि रेलवे के दुसरे विभाग में भी इंजीनियरो की भारती के लिए यही प्रक्रिया अपनाई जाती है.
मान लीजिये रेलवे को 10 मैकेनिकल इंजीनियरो को भर्ती लेना है तो नीचे दिए गए प्रक्रिया के तहत वह इसे पूरा करता है.
इस प्रक्रिया के तहत वैसे अभ्यर्थियों को मौका मिलता है जो पहले से रेलवे में सीनियर तकनीशियन के पद पर कार्यरत हैं.अगर मान लिया जाय कि सीनियर तकनीशियन के पद पर 50 कर्मचारी कार्यरत हैं तो इनका विभागीय सीनियोरिटी लिस्ट बनाया जाता हैं जिनके नामो की सूची क्रमवार 1 से लेकर 50 तक की गिनती में सूचिबद्ध होता हैं.इस परीक्षा के तहत कुल रिक्तियों का 70 प्रतिशत इन अभ्यर्थियों से भरा जाता हैं.जैसे कि रिक्तियां यदि 10 हैं तो 10 का 70 प्रतिसत 7 होता हैं अर्थात 7 सीनियर तकनीशियन को मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर प्रोमोशन मिलेगा।परन्तु उन्हें विभागीय परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा.
इसके लिए कुल रिक्तियों की तिगुना अभ्यर्थियों को अर्थात 7*3 यानी 21 को परीक्षा के लिए बुलाया जायेगा.अब सीनियोरिटी लिस्ट के 50 में से ऊपर से क्रमबद्ध 21 अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेंगी।इस प्रतियोगिता में वरिष्ठता की प्रधानता होती हैं अर्थात यदि ऊपर क्रमवार में 1 से लेकर 7 तक के अभ्यर्थी सिर्फ Qualifying marks यानी 60 प्रतिशत अंक लाते हैं तो उन्हें पास कर दिया जाता हैं.लेकिन इन 7 मे से कोई SC/ST उम्मीदवार है तो उन्हें 50 प्रतिशत अंक लाने पर पास घोषित कर दिया जाता है.
अब रह गई बात कि उपरोक्त 7 उम्मीदवार में से कोई भी उम्मीदवार यदि minimum qualifying mark अर्थात 60 या 50 अंक नहीं प्राप्त कर पाता है तो उसे अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता है.मान लीजिए कि कुल दो उम्मीदवार अनुत्तीर्ण हो गए तो अब सूचिबद्ध संख्या 8 से लेकर 21 तक के उम्मीदवारों में से जो अधिकतम अंक प्राप्त किये हैं उन दो उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट में शामिल कर लिया जायेगा.इस तरह से कुल 7 रिक्तियों को भर लिया जायेगा.
मान लीजिये रेलवे को 10 मैकेनिकल इंजीनियरो को भर्ती लेना है तो नीचे दिए गए प्रक्रिया के तहत वह इसे पूरा करता है.
GDCE-Grand departmental competitive Examination
इस प्रक्रिया के तहत वैसे अभ्यर्थियों को मौका मिलता है जो पहले से रेलवे में सीनियर तकनीशियन के पद पर कार्यरत हैं.अगर मान लिया जाय कि सीनियर तकनीशियन के पद पर 50 कर्मचारी कार्यरत हैं तो इनका विभागीय सीनियोरिटी लिस्ट बनाया जाता हैं जिनके नामो की सूची क्रमवार 1 से लेकर 50 तक की गिनती में सूचिबद्ध होता हैं.इस परीक्षा के तहत कुल रिक्तियों का 70 प्रतिशत इन अभ्यर्थियों से भरा जाता हैं.जैसे कि रिक्तियां यदि 10 हैं तो 10 का 70 प्रतिसत 7 होता हैं अर्थात 7 सीनियर तकनीशियन को मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर प्रोमोशन मिलेगा।परन्तु उन्हें विभागीय परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा.
इसके लिए कुल रिक्तियों की तिगुना अभ्यर्थियों को अर्थात 7*3 यानी 21 को परीक्षा के लिए बुलाया जायेगा.अब सीनियोरिटी लिस्ट के 50 में से ऊपर से क्रमबद्ध 21 अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेंगी।इस प्रतियोगिता में वरिष्ठता की प्रधानता होती हैं अर्थात यदि ऊपर क्रमवार में 1 से लेकर 7 तक के अभ्यर्थी सिर्फ Qualifying marks यानी 60 प्रतिशत अंक लाते हैं तो उन्हें पास कर दिया जाता हैं.लेकिन इन 7 मे से कोई SC/ST उम्मीदवार है तो उन्हें 50 प्रतिशत अंक लाने पर पास घोषित कर दिया जाता है.
अब रह गई बात कि उपरोक्त 7 उम्मीदवार में से कोई भी उम्मीदवार यदि minimum qualifying mark अर्थात 60 या 50 अंक नहीं प्राप्त कर पाता है तो उसे अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया जाता है.मान लीजिए कि कुल दो उम्मीदवार अनुत्तीर्ण हो गए तो अब सूचिबद्ध संख्या 8 से लेकर 21 तक के उम्मीदवारों में से जो अधिकतम अंक प्राप्त किये हैं उन दो उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट में शामिल कर लिया जायेगा.इस तरह से कुल 7 रिक्तियों को भर लिया जायेगा.
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